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एक कहावत है ----- शासक कभी सुधारक नहीं बन सकता है और सुधारक कभी शासक नहीं हो सकता है इसलिए पहले के ज़माने में सुध...
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- Vivekanand Mishra
- मैं एक सकारात्मक सोच वाला साधारण इंसान हूँ और आदर्श जीवन मूल्यों पर जीवन जीने की कोशिश कर रहा हूँ ।
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Thursday, September 23, 2010
देश की चिंता है किसको ?
जिसको को है वो कुछ कर नहीं सकता,
और जो कुछ कर सकते हैं उनको सिर्फ अपनी और अपनों की चिंता है
नेताओं को पैसे के आगे कुछ नहीं दिखता है,
न्यूज चैनलों को TRP के आगे कुछ नहीं दिखता
और हमलोगों को तो दूसरों को दोषी ठहराने की आदत हो गयी है
सुरेश कलमाड़ी आज जो कुछ भी है वो जनता की वजह से हैं,
अगर जनता उनको MP बनाकर नहीं भेजती तो आज वो मिनिस्टर भी नहीं होते
दोस्तों कही न कही हम सब को अपने अन्दर झांक कर देख की जरुरत है
हम लोग जितना facebook पे लिखने से पहले सोचतें हैं शायद उतना भी
हम वोट करने से पहले नहीं सोचते
चुनाव को आम जनता जितना हलके और गैर जिमेवाराना ढंग से लेती है
ये सब उसी का नतीजा है
हमें समस्याओं के जड़ तक जाना होगा
हमें खुद भी चुनाव की कीमत समझनी पड़ेगी और दूसरों को भी समझानी पड़ेगी...
जिसको को है वो कुछ कर नहीं सकता,
और जो कुछ कर सकते हैं उनको सिर्फ अपनी और अपनों की चिंता है
नेताओं को पैसे के आगे कुछ नहीं दिखता है,
न्यूज चैनलों को TRP के आगे कुछ नहीं दिखता
और हमलोगों को तो दूसरों को दोषी ठहराने की आदत हो गयी है
सुरेश कलमाड़ी आज जो कुछ भी है वो जनता की वजह से हैं,
अगर जनता उनको MP बनाकर नहीं भेजती तो आज वो मिनिस्टर भी नहीं होते
दोस्तों कही न कही हम सब को अपने अन्दर झांक कर देख की जरुरत है
हम लोग जितना facebook पे लिखने से पहले सोचतें हैं शायद उतना भी
हम वोट करने से पहले नहीं सोचते
चुनाव को आम जनता जितना हलके और गैर जिमेवाराना ढंग से लेती है
ये सब उसी का नतीजा है
हमें समस्याओं के जड़ तक जाना होगा
हमें खुद भी चुनाव की कीमत समझनी पड़ेगी और दूसरों को भी समझानी पड़ेगी...
Wednesday, September 15, 2010
एक कहावत है ----- शासक कभी सुधारक नहीं बन सकता है और सुधारक कभी शासक नहीं हो सकता है
फिर आया News Channels का दौड़, News 24x7 यानि समाचार हर पल-हर घडी. लोगों ने इसे पसंद किया. News channels के आने से समाचार पत्रों के अहमियत पे थोडा फर्क पड़ा, खास कर नयी पीढ़ी न्यूज़ पढने के बजाये देखना पसंद करने लगी.
और अब हमलोगों को Sensational न्यूज़ की लत लग चूकी है, और हमलोग वही न्यूज़ चैनल देखते हैं जो हमें ज्यादा Sensational न्यूज़ देखता है . यही वजह है जो न्यूज़ channels सबसे ज्यादा Sasationalism दिखता है उसी की TRP सबसे ज्यादा होती है.
ज्यादा से ज्यादा TRP के लिए ये Channels चोरी, बलात्कार, हत्या और ऐसे ही बुरे काम करने वाले अपराधियों को बार-बार दिखा कर famous करता रहेगा और लोग famous होने के लिए अपराध करते रहेंगे और. अगर ऐसा ही हाल रहा तो आने वाली पीढ़ी कहीं अच्छाई और बुराई में फर्क न भूल जाये .
News Channels तो अपने Moral Value और उधेशय भूल ही गए हैं , लेकिन अगर आप अपने बच्चे और आने वाली पीढ़ी में Moral Value को जिंदा रखना चाहतें तो इस Sensational News का नशा छोड़ दीजिये .
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