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Sunday, July 4, 2010
योजनाएं और कानून जो आम जनता और गरीबों के लिए बनाए जातें हैं , वो सिर्फ कहने को गरीबों और आम जनता के लिए होतें हैं . इससे दरअसल फ़ायदा तो उन योजना क्षेत्र से जुड़े लोगों, राजनेताओं और प्रसाशन के आला अधिकारीओं को होता है . बल्कि ये लोग अपने फायदे के लिए गरीबों की हित के लिए बनाये गए योजनाओं को उन्ही के खिलाप इस्तमाल करतें हैं ......और ऐसा ही कुझ हो रहा है slum rehabilitation scheme के आड़ में.
लम्बे समय से slum में रह रहे लोगों को बेहतर आवास देने के नाम पर उन्हें सड़कों पे लाया जा रहा है. और ये सब कर रहे हैं मुंबई के कुछ बिल्डर,.... प्रसाशन उनके खिलाप करवाई करने के बजाए उनका साथ दे रही है .... और इन गरीबों के लिए आवाज उठाने राजनेता भी सामने नहीं आ रहे हैं --- राजनेताओं को तो गरीबों और उनकी समस्या सिर्फ चुनाव से ठीक पहले ही नज़र आतें हैं
सवाल ये है की वाकई में ऐसी योजनायें गरीबों के लिए ही बनाई जाती हैं ?
लम्बे समय से slum में रह रहे लोगों को बेहतर आवास देने के नाम पर उन्हें सड़कों पे लाया जा रहा है. और ये सब कर रहे हैं मुंबई के कुछ बिल्डर,.... प्रसाशन उनके खिलाप करवाई करने के बजाए उनका साथ दे रही है .... और इन गरीबों के लिए आवाज उठाने राजनेता भी सामने नहीं आ रहे हैं --- राजनेताओं को तो गरीबों और उनकी समस्या सिर्फ चुनाव से ठीक पहले ही नज़र आतें हैं
सवाल ये है की वाकई में ऐसी योजनायें गरीबों के लिए ही बनाई जाती हैं ?
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